हमारे "आदर्श" बदलते है तो, हमारे "विचार" बदलते है । "विचार" बदलते है तो, "सोचने का तरीका" बदल जाता है । "सोचने का तरीका" बदल जाता है तो, हमारी "मानसिकता" बदल जाती है । "मानसिकता" बदलती है तो, हमारे "तर्क" बदल जाते है । हमारे "तर्क" बदलते है तो, हम "सवाल जवाब" करते है । हम "सवाल जवाब" करते है तो, हमारे बिच "चर्चा" ए होती है । हमारे बिच "चर्चा" होती है तो, हमे "सही और गलत" का "ज्ञान" होता है । "सही और गलत" का "ज्ञान" हो जाए तो, हम आपने "हकधिकार" पाने के लिए "विद्रोह" करते है । हम आपने "हकधिकार" मिलने के लिए "विद्रोह" करते है तो, हम मे "त्याग", "समर्पण", "बलिदान" करने का "जज्बा" निर्माण हो जाता है । "त्याग", "समर्पण", "बलिदान" करने का "जज्बा" निर्माण हो जाता है तो, हमे कोई "पराजित" नही कर सकता । कृष्ण कुमार धाकड़ प्रवक्ता धाकड़ टुडे पत्रिका अखिल भारतीय धाकड़ युवा संघ नीमच
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