नेता के बिगड़े बोल ......बोले देश को बेच देंगे। 👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇👇 Sunil Nagar-9549201143 बहुजन समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने बरेली यूपी के फरीदपुर की रैली में अपने स्वार्थ के खातिर भाषणों में अपने बोल बिगड़े । बोला है कि जिस दिन मुसलमान एक हो गए उस दिन इंडिया पर मुसलमानों का राज होगा। क्या यह बात सही है , मेरा खून खोलता है जब कोई नेता मेरे देश के लिए ऐसे बोलता है। यह मेरी मां है इसके बारे में मैं कुछ भी नहीं सुन सकता ऐसे लोगों को तो कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। न्यायपालिका को इस मामले की ओर ध्यान देकर त्वरित कार्यवाही करनी चाहिए। यह लोग क्या जाने मां क्या होती है, अगर जानते तो ऐसे बेहूदे शब्दों का प्रयोग नहीं करते। लगता है इनकी पार्टी में कोई भी अनुसासन नहीं है, होता तो अब तक इनको बाहर निकाल कर जेल भेज दिया होता। ऐसे लोगों पर पार्टी द्वारा ही नहीं बल्कि निर्वाचन आयोग और न्यायपालिका द्वारा वोट देने और चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगा देना चाहिए ताकि आगे से कोई भी और नेता अपने। स्वार्थ के लिए अपनी मां का सौदा नहीं करें और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं करें। नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने जो बोला है वह माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को ही प्रसंज्ञान लेना चाहिए। राजनीति में आजकल लोग कितने गिर गए हैं, जो वतन की बात करने लग जाते हैं इनसे यह पूछा जाए कि सविधान की स्पेलिंग क्या है तो मुंह बिगाड़ लेंगे। आता जाता तो कुछ है नहीं देश पर राज करने की बात कर रहे हैं। अपने तोड़े से स्वार्थ के लिए यह लोग देश को भी बेच सकते हैं मेरा जनता से यही कहना है कि ऐसे लोगों को बिल्कुल भी वोट मत दो। भूल जाएंगे देश पर राज करने की बात और इनको निकालो इस देश से बाहर जहां यह जाना चाहते हैं,भेज दो। बात तो देखो देश का कानून लचीला है तो ज्यादा ही फायदा उठाने लग गए हैं। यह नहीं जानते हैं कि इनके धर्म और हमारे धर्म में एक ही बात लिखी है। पर यह बात भी यह पढ़े-लिखे हो तब जाने ना। इनके लिए तो जैसे राजस्थान में लागू किया गया है कि पढ़ाई का सिस्टम वैसे ही पूरे देश में लागू कर देना चाहिए। राजस्थान में पंचायती राज में सरपंच प्रधान और जिला प्रमुख की योग्यता 8वीं 10वीं 12वीं लागू की गई है। जहां तक की इन कक्षाओं को पास नहीं किया गया वह लोग चुनाव में या इन पदों के लिए दावेदारी नहीं कर सकते अब मेरा कहना यह है की यही सिस्टम पूरे देश में लागू कर देना चाहिए ताकि यह बोलने से पहले सोचे। यह बात जरूर है कि हमारे संविधान में बोलने का सब को बराबर अधिकार है लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि कुछ भी बोलो निर्वाचन आयोग को इनके बोलने पर पाबंदी लगानी चाहिए और इनके पार्टी के चुनाव चिन्ह को जप्त कर लेना चाहिए इन पर आजीवन चुनाव नहीं लड़ने पर भी पाबंदी लगा देनी चाहिए।जो लोग अपने स्वार्थ के खातिर देश पर राज करने की बात बोल रहा है तो सोचो चुनाव जीतने के बाद इन लोगों का क्या भरोसा कि यह सरकार अच्छे से चलाएंगे। ऐसे राजनीतिज्ञों को अपनी पार्टी से बाहर का रास्ता बता देना चाहिए। यह क्या अच्छी राजनीति के संकेत है, इससे हमारे देश की रक्षा करने वाले लोगों आर्मी सैनिक आदि दुखी होते हैं। वह भी सोचते हैं कि जिस देश की रक्षा के लिए हम दिन-रात बॉर्डर पर खड़े हैं और यह देश के अंदर ऐसे लोग जो देश का माहौल खराब करने में लगे हैं और देश पर राज करने की बात बोल रहे हैं।. लोगों ने राजनीति को भी धंधा बना लिया है जो भी अनपढ़ हो वह चला आता है मुंह उठाकर। यह लोग करेंगे अच्छी राजनीति क्या आप इन से उम्मीद करते हैं।लेकिन जनता भी जनता ही है ऐसे लोगों से ही उम्मीद लगा कर बैठी रहती है जबकि थोड़े दिन पहले ही उत्तर प्रदेश चुनाव की डेट से पहले ही सुप्रीम कोर्ट से आया है ऐसा फैसला कि लोग अब जातिगत राजनीति नहीं करेंगे। देखो यह नेता अगर तोड़े भी पढ़े लिखे होते तो डरते न्यायपालिका से। इनको किसी का भी डर नहीं है।एक बार चुनाव आयोग इनका परिचय निरस्त कर दें तो समझ में आ जाएगा। जहां तक हथौड़े की चोट नहीं पड़ती है ना तब तक कोई भी सीधा नहीं होता है। न्यायपालिका का हथोडा इनके ऊपर पढ़ना जरूरी है तभी इनकी मानसिकता बदलेगी। ऐसे नहीं सुधरने वाले नहीं तो यह लोग।
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